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द गर्ल इन रूम 105

'ये जारा का फ़ोन है,' सौरभ ने कहा।


"नहीं, उसका मेन फोन तो हरगिज़ नहीं है। उसके पास आईफोन था।

'ये कौन-सा नंबर है?' सौरभ ने कहा। नंबर पता लगाने के लिए मैंने उससे खुद को कॉल किया। मेरा फोन बजा ।

"ये नंबर +92 से शुरू होता है, मैंने अपना फोन चेक करते हुए कहा । 'भाई, ये पाकिस्तान का नंबर है। ये पाकिस्तानी सिम है।"

मैंने फ़ोन को एक तरफ फेंक दिया। पाकिस्तान शब्द ही ऐसा है कि हम उसे सुनते ही डर के मारे उछल पड़ते हैं।

‘उसके पास एक पाकिस्तानी सिम था?" मैंने कहा । 'ये नंबर नोट कर लो।' "फोन में कुछ और है ? कॉन्टैक्ट्स? पिक्चर्स?" सौरभ ने कहा ।

मैंने फोन खोला। उसमें केवल तीन कॉन्टैक्ट्स थे, और उनके नाम के बजाय केवल 'एस', 'आई' और

'डब्ल्यू' लिखा हुआ था।

मैं उसकी पिक्चर गैलरी में गया। "इसमें कराची लिटफेस्ट की कुछ तस्वीरें हैं, मैंने कहा। 'बेट, यहां पर जारा और सिकंदर की एक सेल्फी

"मुझे दिखाओ, सौरन ने कहा। सिकंदर के हाथ में एक मशीन गन है!"

वे शायद एक होटल रूम के फर्श पर बैठे थे और सिकंदर हाथ में गन लिए खड़ा था। 'ईम' मैंने कहा 'ये तो पूरी तरह से टेररिस्ट है।'

"वो दोनों मुस्करा रहे हैं, जारा भी, सौरभ ने कहा। मेरा सिर चकराने लगा था। तो क्या जारा भी उसके साथ मिली हुई थी? तेहरीक-ए-वॉटवर जो भी उसका नाम था?

जिस रूम में वो तस्वीर ली गई थी, उसमें एक खिड़की थी। खिड़की के बाहर वायर्स, एडवर्टाइजिंग होर्डिंग्स और बैनर्स के अलावा कुछ नहीं दिख रहा था।

"क्या यह तस्वीर भी पाकिस्तान की है?" सौरभ ने कहा।

मैंने ज़ूम-इन किया। रिज़ॉल्यूशन खराब होता चला गया, लेकिन मुझे होर्डिंग्स पर हिंदी के कुछ शब्द

दिखाई दिए।

"हिंदी में ऐड्स हैं। ये लोग इंडिया में हैं, मैंने कहा । मैंने फ़ोन एक तरफ रख दिया और अगले आइटम की ओर बढ़ा।

"एक बिज़नेस कार्ड, मैंने कहा 'उर्दू में? या फिर यह अरबी है?"

सौरभ ने सिर हिलाया और इसे नोट कर लिया। उसे भी कुछ समझ नहीं आ रहा था। एक छोटा-सा प्लास्टिक पाउच, जिसमें सफ़ेद पाउडर, मैंने कहा

'टैल्कम पाउडर सौरभ ने कहा।

"वो टैल्कम पाउडर को एक सेफ़ में छुपाकर क्यों रखेगी? तुम इसको टेस्ट करना चाहोगे?' मैंने कहा।

"आर यू क्रेजी? ये साइनाइड भी हो सकता है। तुम इन टेररिस्टों के बारे में नहीं जानते।'

'जारा टेररिस्ट नहीं थी, मैं कहते-कहते रह गया, लेकिन जारा लोन, जिसको मैं दुनिया की सबसे अच्छी लड़की समझता था, की सेफ में ये चीजें क्यों थीं?

पीतल का कैप्सूला वाऊ, कहीं ये बुलेट तो नहीं?" मैंने कहा।

सौरभ ने धातु के उस जानलेवा टुकड़े को उठाया।

"हां, वही है और क्या हो सकता है?" "यहां कुछ पाकिस्तानी सिक्के भी है।'

'चलो, इन सबके फोटो ले लेते हैं।'

सौरभ ने अपने फोन से सेफ में मिले हर आइटम की कई तस्वीरें खींच लीं।

'ये वो ज़ारा नहीं है, जिसको मैं जानता था, मैंने कहा। “भाई, लड़कियों के मामले में तुम कभी श्योर नहीं हो सकते कि उनके अंदर क्या है, ' उसने बुलेट की ज़ूम-

इन तस्वीर खींचते हुए कहा। सफ़दर अपनी बातचीत खत्म कर ज़ारा के रूम में चले आए।

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